चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने सोमवार को विधान सभा में कहा कि राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल जयपुर द्वारा सितम्बर 2019 में परीक्षाओं का टेन्टेटिव टाइम टेबल जारी नहीं किया गया था, बल्कि टेन्टेटिव शेड्यूल जारी किया गया था।
चिकित्सा मंत्री ने विधायक सतीश पूनियां के मूल प्रश्न के जवाब में बताया कि इस टेन्टेटिव शेड्यूल के अनुसार परीक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकी हैं। उन्होंने बताया कि सत्र 2016-17 के प्रथम वर्ष की मुख्य परीक्षा जुलाई, 2018 में आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में अनुत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया गया, जिसका परिणाम मई, 2019 में जारी किया गया। किन्तु इससे पूर्व ही माह अप्रेल, 2019 में सत्र 2017-18 के अभ्यर्थियों से प्रथम वर्ष की मुख्य परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किए गए थे। उन्होंने परीक्षाओं के टेन्टेटिव शेड्यूल की प्रति सदन के पटल पर रखी।
डॉ. शर्मा ने बताया कि सत्र 2016-17 की इस रिमांडेड परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए सत्र 2016-17 के अनुत्तीर्ण अभ्यर्थियों, जिन्होंने पूनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया था, द्वारा भी ऑनलाइन फार्म भरे गए थे। परीक्षा आयोजन से पूर्व कुछ अभ्यर्थियों के पुनर्मूल्यांकन में उत्तीर्ण हो जाने के कारण उनसे इस आशय का ऑनलाइन ऑप्शन फार्म भरवाया गया कि वे इनमें से कौनसे परिणाम (पुनर्मूल्यांकन या रिमाण्डेड) को रखना चाहते हैं, जिससे उन्हें अटेम्प्ट की गणना में कोई हानि ना हो। विकल्प प्राप्त किए जाने के पश्चात इनके अन्तिम परिणाम 22 जनवरी 2020 तक जारी किए गए हैं।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि इस प्रक्रिया में समय लग जाने के कारण इन परीक्षाओं को टेन्टेटिव शेड्यूल में प्रस्तावित अक्टूबर 2019 में आयोजित नहीं किया जा सका। अतः इसके लिए कोई अधिकारी या कर्मचारी दोषी नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं का टाइम टेबल जारी कर परीक्षाएं 15 फरवरी, 2020 से आयोजित की जा रही है। उन्होंने बताया कि राजस्थान पैरामेडिकल कौंसिल द्वारा पिछले सत्र के विद्यार्थियों का परिणाम जारी किए बिना नया टाइम टेबल जारी नहीं किया गया है।